मंगलवार, 4 जून 2024

गोंडा और कैसरगंज में कायम रहा भाजपा का दबदबा

गोंडाः धार्मिक नगर अयोध्या से सटा गोंडा लोकसभा सीट पुरातात्विक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से समृद्ध हैं. गोंडा में आस्था व इतिहास का अनूठा संगम देखने को मिलता है. गोंडा में महाबली भीम द्वारा स्थापित पृथ्वी नाथ मंदिर, झालीधाम मंदिर जहां कामधेनु गाय दिखाई पड़ती है और स्वामी नारायण छपिया मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. गोंडा नानाजी देशमुख की कर्मस्थली भी रही है. गोंडा से इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से कीर्तिवर्धन सिंह उम्मीदवार हैं. इस सीट की मतगणना पूरी हो चुकी है. यहां पर भाजपा के उम्मीदवार कीर्तिवर्धन सिंह ने जीत दर्ज कर ली है. कीर्तिवर्धन ने समाजवादी पार्टी की श्रेया वर्मा को भारी मतों से मात दी है.


2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कुल 15 उम्मीदवार थे. यहां पर बीजेपी की तरफ से कीर्तिवर्धन सिंह मैदान में थे. वहीं कांग्रेस ने कृष्णा पटेल को टिकट दिया था. सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के तहत ये सीट सपा के खाते में आई थी. समाजवादी पार्टी से विनोद कुमार को टिकट दिया था. इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कीर्ति वर्धन सिंह अपनी जीत को बरकरार रखा था. 2014 में भी कीर्तिवर्धन सिंह ने सपा उम्मीदवार नंदिता शुक्ला को हराया था. कीर्तिवर्धन को कुल पड़े वोटों में से 3 लाख 59 हजार 643 वोट मिले थे. जबकि नंदिता को केवल 1 लाख 99 हजार 227 वोट मिले थे. कीर्तिवर्धन ने 1 लाख 60 हजार 416 वोटों के अंतर से यह चुनाव जीता था. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार और कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा को भारी झटका लगा था

कैसरगंज लोकसभा सीट पर भारी मतों के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता करणभूषण सिंह जीत गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के ब्रजभूषण सिंह के बेटे करणभूषण सिंह ने 1 लाख 48 हजार 8 सौ 43 वोटों से जीत हासिल की। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भगत राम मिश्रा को हराया। बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने नरेंद्र पांडे को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय खथी। लेकिन अंत में जीत बीजेपी को हासिल हुई।




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 लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 
 तीसरी बार बनेगी मोदी सरकार या कांग्रेस का होगा बेड़ा पार? किसे दिल्ली की कुर्सी दिलाएगा उत्तर प्रदेश? बिहार में तेजस्वी करेंगे कमाल या बीजेपी संग नीतीश मचाएंगे धमाल?

 
एक नजर कैसरगंज लोकसभा सीट पर
कैसरगंज लोकसभा सीट काफी लंबे समय से सुर्खियों में बनी हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने यहां पिछले दो लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है, इस चुनाव में भी विजय पताका फहराकर बीजेपी हैट्रिक लगाने की जुगत में जुटी हुई है। बात अगर समाजवादी पार्टी की करें तो वह सीट से जीत दर्ज कर अपनी साख बचाने में लगी हुई है।

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साल 2019 में कैसरगंज लोकसभा सीट का परिणाम 
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर मुकाबला एकतरफा हुआ था। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बृजभूषण शरण सिंह मैदान में उतरे थे। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने चंद्रदेव राम यादव को टिकट दिया था। इलेक्शन में बसपा और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था। बृजभूषण सिंह को 581,358 वोट मिले तो चंद्रदेव राम यादव के खाते में 319,757 वोट आए थे। कांग्रेस की स्थिति काफी नाजुक रही और पार्टी के विनय कुमार पांडे को महज 37,132 वोट मिले थे। चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह ने 261,601 के वोटों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी से जीत हासिल की थी।

  तीसरी बार मोदी सरकार या इस बार कांग्रेस का बेड़ा पार? थोड़ी देर में शुरू होगी मतगणना

पार्टी प्रत्याशी वोट
बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह 581,358
बहुजन समाज पार्टी चंद्रदेव राम यादव 319,757
कांग्रेस विनय कुमार पांडे 37,132

2014 के लोकसभा इलेक्शन में देश में मोदी लहर का असर दिखाई दिया। समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आए बृजभूषण शरण सिंह यहां से मैदान में उतरे और 3,81,500 वोट हासिल किए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह को 78,218 मतों के अंतर से हरा दिया। बसपा उम्मीदवार कृष्ण कुमार ओझा को 1,46,726 वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे।
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पार्टी प्रत्याशी वोट
बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह 3,81,500
समाजवादी पार्टी विनोद कुमार सिंह 303,282
बहुजन समाज पार्टी कृष्ण कुमार ओझा 1,46,726
कैसरगंज लोकसभा सीट का इतिहास
कैसरगंज लोकसभा सीट के राजनीतिक आंकड़ें भी काफी दिलचस्प रहे हैं। 1952 में नेहरू के करीबी रहे सरदार जोगेंद्र सिंह यहां चुनाव जीतने में कामयाब रहे। वहीं, 1977 से लेकर 2014 के दौरान यहां से 5 बार समाजवादी पार्टी, 3 बार बीजेपी, 2 बार कांग्रेस और एक बार भारतीय लोकदल के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। राना वीर सिंह और रुद्रसेन चौधरी से लेकर बेनी प्रसाद वर्मा यहां से चुने गए। सातवीं और आठवीं लोकसभा में राना वीर सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। वहीं, जनता लहर में रुद्रसेन चौधरी ने कामयाबी पाई। 1989 में भी वह जीतने में सफल रहे। 90 के दशक में कैसरगंज मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी रहे बेनी प्रसाद वर्मा की संसदीय सीट के रूप में चर्चा में आया। बेनी ने ही समाजवादी पार्टी का नामकरण किया था। 1996, 1998, 1999 और 2004 लगातार 4 बार बेनी बाबू इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए।
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2004 में बेनी ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे आरिफ मोहम्मद खान को करारी शिकस्त दी। 1996 से 1998 के दौरान वह केंद्रीय संचार मंत्री के पद पर रहे। हालांकि, 2007 में बेनी ने मुलायम का साथ छोड़ दिया और अगले साल कांग्रेस के हाथ के साथ चले गए। 2009 में गोंडा से सांसद चुने जाने के बाद यूपीए सरकार में उन्हें इस्पात मंत्री की जिम्मेदारी भी मिली। 2009 के परिसीमन में कैसरगंज सीट का बाराबंकी वाला हिस्सा कट गया और इसमें गोंडा के इलाके आ गए। यही वजह रही कि 2008 में न्यूक्लियर डील के मुद्दे पर बीजेपी छोड़कर एसपी में आने वाले बृजभूषण शरण सिंह ने 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां से ताल ठोकी।

बृजभूषण शरण सिंह ने इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र नाथ अवस्थी उर्फ पुत्तू भैया को मात दी। हालांकि, 2014 का लोकसभा इलेक्शन आते-आते बृजभूषण सिंह दोबारा से भगवा खेमे में लौटकर वापस आ गए। मोदी लहर में वह एक बार फिर चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इस बार उन्होंने अपने चिर-परिचित प्रतिद्वंद्वी विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह को करारी शिकस्त दी। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चंद्रदेव राम यादव को पराजित किया था।

कैसरगंज लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
कैसरगंज लोकसभा सीट पर 18.80 लाख मतदाता है। इसमें से 9.96 लाख पुरुष और 8.84 लाख महिला मतदाता हैं। कैसरगंज के कुछ इलाकों में राजपूत समुदाय की संख्या काफी है। वहीं, गोंडा की तीन विधानसभा सीटों पर ब्राह्मणों की संख्या भी काफी अच्छी मात्रा में है। इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स की संख्या भी अच्छी-खासी है। 2011 जनगणना के मुताबिक कैसरगंज तहसील में 3 लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी है।
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सोमवार, 3 जून 2024

क्या इस बार भारत की जनता पार्टी के लिए सरकार बनाना बेहद मुश्किल हो जाएगा

पंजाब में शिरोमणि काली दाल एक कांग्रेस साथ सीटों पर आगे वहीं राजस्थान में बीजेपी 12 सीटों पर आगे हिंदी गठबंधन 10 सीटों पर और अन्य को तीन सिम मिलती दिख रही है हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को अच्छे चंडीगढ़ बंधन को चार और दो सिम अन्य को मिलते दिख रहे हैं वहीं दिल्ली की 6 सीटों पर बीजेपी आगे और एक सीट पर हिंदी गठबंधन आगे है अगर बात करें टोटल की तो इस समय एनडीए गठबंधन 291 सीटों पर आगे है वही इंडिकेटर बंधन 203 सीटों पर कड़ी चक्कर दे रहा है और अन्य को 23 सिम मिल रहे हैं आज चुनाव का दिन बेहद रोचक है शायद भारतीय जनता पार्टी को इस तरीके के नतीजे की उम्मीद नहीं रही होगी खैर यह तो अभी पहले और दूसरे चरण के वोटो की गणना का मामला है अंतिम निर्णय क्या होगा यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन अगर बात की जाए गठबंधन सरकारों की तो भारतीय जनता पार्टी को इस बार सरकार बनाना काफी मुश्किल लग रहा है उत्तर प्रदेश में एनडीए को 39 सिम मिल रही वहीं इंडिकेटर बनने के 2141 सीटों पर आगे है बीएसपी को शून्य सिम मिल रही है और अन्य को भी सोने की जाती हुई दिख रही है लगता है इस बार अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी उत्तर प्रदेश में कमल दिख जाएगी और योगी आदित्यनाथ इस बार फेल हो जाएंगे यह तो चुनाव का गणित है इसके बारे में क्या कहा जाए लेकिन गुप्ता में क्या होता है वह तो बाद में ही पता चलेगा

एनडीए को मिल रही इंडिया से कड़ी टक्कर

आपको बता दें कि आज चुनाव की मतगणना हो रही है एनडीए को 280 सीटों पर बढ़त मिली हुई है जबकि इंडिया गठबंधन 224 सीटों पर एनडीए गठबंधन को कड़ी चक्कर दे रहा है वहीं अन्य 20 पर लड़ाई में आकर इसको और रोचक बना रहे हैं अगर कड़े मुकाबले की बात करें तो इस समय भारतीय जनता पार्टी को जो कुल मिलाकर इस समय 237 सिम मिली हुई है वही उनके सहयोगी दलों के साथ वह 280 सीटों पर आगे है वही इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी 225 सीटों पर कड़ी चक्कर दे रहे हैं कांग्रेस को 108 सीटों पर आगे है वहीं राष्ट्रीय जनता दल आर्ट और उनके गठबंधन के प्रत्याशियों के साथ कांग्रेस इस बार कमाल कर रही है

रुझान में भारतीय जनता पार्टी को मिली बाधक 300 का आंकड़ा पार

NDA-301
INDIA 168
Other-41 पर आगे चल रही है कुल मिलाकर अभी एनडीए गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है विपक्ष भले ही कितना भी कुछ कहे लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपने मकसद में कामयाब होती दिख रही है और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर एक बार फिर नरेंद्र मोदी अपनी तीसरी पारी की शुरुआत करेंगे

शनिवार, 1 जून 2024

भीषण गर्मी के बीच मॉनसून पर आई खुशखबरी, मौसम विभाग ने बताई यूपी में प्रवेश की तारीख - 



 भीषण गर्मी के बीच मॉनसून पर आई खुशखबरी, मौसम विभाग ने बताई यूपी में प्रवेश की तारीख
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रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बाद अब मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट, यूपी के इन
जिलों में होगी बारिश -
रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बाद अब मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट, यूपी के इन जिलों में होगी बारिश

बादल गरजने और बारिश की चेतावनी, 2 से 5 जून के लिए
किया गया सावधान 
 बादल गरजने और बारिश की चेतावनी, 2 से 5 जून के लिए किया गया सावधान

यूपी में इस साल गर्मी ने पिछले 27 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग ने यूपी में अगले तीन दिनों तक बारिश आंधी- तूफान आने की चेतावनी जारी किया है। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल सकती हैं। रविवार की सुबह से गोंडा, बहराइच, बलरामपुर सहित आसपास के जिलों में आसमान में बादलों ने डेरा जमा लिया है। 
जिससे भीषण गर्मी से हल्की राहत मिली है। कई जिलों में बूंदाबांदी होने से तापमान में 4 से 5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। 
वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सक्रिय होने से हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। शनिवार को झांसी यूपी का सबसे गर्म शहर रहा। हालांकि दोपहर बाद हल्की बारिश भी हुई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक राजधानी सहित आसपास के जिलों में में रविवार और सोमवार को बारिश के कारण पारा गिरने की उम्मीद है।
 शनिवार को कुछ जिलों में हुई हल्की-फुल्की बारिश के बाद लोगों को राहत मिली है। पूरे प्रदेश में तापमान में 4 से 5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। तापमान में उतार-चढ़ाव के बीच झांसी में दिन का तापमान 46.9 डिग्री सेल्सियस, कानपुर में 45.4 डिग्री और उरई में 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
 प्रयागराज में तो तापमान 5 डिग्री से अधिक गिरा। शनिवार के 46.8 डिग्री की तुलना में यहां पर तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। लखनऊ में भी पारा 45.2 डिग्री से लुढ़कर 42.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, मंगलवार तक मौसम ऐसा ही रहेगा। अगले तीन दिनों में पूरब से लेकर पश्चिम तक हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। 
इन जिलों में तीन दिनों तक आंधी तूफान बारिश का अलर्टबलिया, आजमगढ़, मऊ,देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, महाराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा,वाराणसी,चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर,बस्ती,संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, बस्ती,अम्बेडकर नगर, अमेठी, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या जिले शामिल है।
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बुधवार, 29 मई 2024

इंडिया के जाल में फस गई एनडीए की चार सीटे

उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण के चुनाव में जातिगत समीकरणों ने एनडीए के लिए चार महत्वपूर्ण सीटों पर कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। इन सीटों पर जातियों का प्रभाव और उम्मीदवारों की जातीय पहचान वोटरों के रुझान को प्रभावित कर रही है। 

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आइए देखते हैं इन चार सीटों पर एनडीए की स्थिति:

1. घोसी
   - एनडीए उम्मीदवार: अरविंद राजभर (सुभासपा)
   - विरोधी: राजीव राय (सपा), बालकृष्ण चौहान (बसपा)
   - जातीय समीकरण: भूमिहार, राजभर और चौहान वोटरों में विभाजन

2. मिर्जापुर
   - एनडीए उम्मीदवार: अनुप्रिया पटेल (अपना दल)
   - विरोधी: राजेंद्र एस बिंद (सपा), मनीष त्रिपाठी (बसपा)
   - जातीय समीकरण: पटेल, बिंद और त्रिपाठी वोटरों में खींचतान

3. चंदौली
   - एनडीए उम्मीदवार: महेंद्र नाथ पांडेय (बीजेपी)
   - विरोधी: वीरेंद्र सिंह (सपा), सतेंद्र मौर्या (बसपा)
   - जातीय समीकरण: ठाकुर, मौर्या और ब्राह्मण वोटरों का असमंजस

4. बलिया
   - एनडीए उम्मीदवार: नीरज शेखर (बीजेपी)
   - विरोधी: सनातन पांडेय (सपा)
   - जातीय समीकरण: राजपूत बनाम ब्राह्मण वोटरों की दुविधा

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इन सीटों पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों ने जातिगत समीकरणों का फायदा उठाते हुए एनडीए को कड़ी टक्कर दी है। भाजपा और एनडीए के लिए चुनौती यह है कि वे कैसे अपने कोर वोटर्स को संभाल पाते हैं और जातिगत विभाजन को सुलझाते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में जाति आधारित राजनीति का प्रभाव इन सीटों पर चुनावी नतीजों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 जून तक मेडिटेशन के लिए कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में रहेंगे।

लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण की वोटिंग 1 जून को होनी है, जिसके लिए आज, 30 मई, को चुनाव प्रचार थम जाएगा। 


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इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 जून तक मेडिटेशन के लिए कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में रहेंगे।
 विपक्ष के नेताओं ने पीएम मोदी की इस यात्रा पर सवाल उठाए हैं और चुनाव आयोग से शिकायत की है।
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CPI(M) तमिलनाडु के सचिव के बालाकृष्णन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रधानमंत्री के मेडिटेशन के दौरान इससे जुड़ी खबरों के प्रसारण पर रोक लगाई जाए।
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 उन्होंने कहा कि मेडिटेशन पीएम की निजी पसंद है, लेकिन इसका मीडिया प्रसारण पीएम और भाजपा के लिए प्रचार का माध्यम बन सकता है, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
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कांग्रेस ने भी इसी मसले पर चुनाव आयोग से शिकायत की है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है
 कि 48 घंटे के साइलेंट पीरियड के दौरान किसी भी प्रकार के प्रचार की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
 उन्होंने कहा कि पीएम के मौन व्रत की घोषणा करना प्रचार का तरीका हो सकता है, जो आचार संहिता का उल्लंघन है। 
उन्होंने चुनाव आयोग से दो बिंदु रखे हैं: या तो पीएम 1 जून की शाम को मौन व्रत शुरू करें या इसके मीडिया प्रसारण पर रोक लगाई जाए।
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सिपाही से बाबा बने हत्यारे हरि का साम्राज्य   नारायण हरि साकार।

ढोंगी बाबाओं की श्रृंखला में एक नाम और शुमार हो गया।  नारायण हरि साकार।  यह हत्यारा बाबा रातों-रात नहीं खड़ा हो गया कि एक दिन में इसका सौ करो...