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रविवार, 26 मई 2024

बीजेपी के लिए सिरदर्द बनी ये 6 सीटें

लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ गया है. आख़िरी दो चरणों में पूर्वांचल की 27 सीटों पर वोटिंग होनी है. इनमें 14 सीटो के लिए आज वोटिंग हो रही है और बाकी बची सीटों पर एक जून के मतदान होगा. इन चरणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी और सीएम योगी की गोरखपुर सीट भी शामिल हैं. ये दोनों चरण बीजेपी के लिए बेहद अहम हैं क्योंकि पिछली बार 2019 पार्टी का यहां सबसे खराब प्रदर्शन रहा था. 



बीजेपी मिशन 80 का दावा कर रही है लेकिन इन आखिरी दो चरणों में छह सीटें ऐसी हैं जिन पर पार्टी की सांसें अटकी हुई है. इनमें सीटों पर बहुत कम अंतर से पार्टी को जीत मिल पाई है. ये सीटें हैं मछली शहर, चंदौली, सुल्तानपुर, बलिया, बस्ती और कौशांबी, जहां बीजेपी हारते-हारते बच गई. ऐसे में अगर थोड़ा भी वोट स्विंग होता है तो विरोधी पक्ष को इसका फायदा मिल सकता है.  


बीजेपी के लिए सिरदर्द बनी ये 6 सीटें
2019 में सपा-बसपा मिलकर चुनाव लड़े थे, जो सबसे मजबूत गठबंधन माना जाता है. इनमें मछलीशहर ऐसी सीट थी जिस पर बीजेपी को कड़ी  टक्कर मिली थी, इस सीट पर बीजेपी के बीपी सरोज सिर्फ 181 वोटों से जीते थे. इस बार भी यहां जबरदस्त मुकाबला है. 


चंदौली सीट भी उन सीटों में शामिल हैं जहां बीजेपी कम अंतर से जीती थी. इस सीट पर बीजेपी महेंद्र नाथ पांडे ने 13,959 वोटों से जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने इस बार भी उन्हीं पर दांव लगाया है जबकि सपा की ओर से संजय चौहान की जगह वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है. वीरेंद्र कांग्रेस व बसपा से विधायक रह चुके हैं. 
 
सुल्तानपुर सीट पर बीजेपी ने दूसरी बार भी मेनका गांधी को उतारा है. इस सीट पर उनका मुकाबला सपा के राम भुआल निषाद और बसपा के उदराज वर्मा से हैं. पिछली बार 2019 में मेनका गांधी यहां 14,526 वोटों के अंतर से जीती थीं. बलिया सीट पर भी बीजेपी के वीरेंद्र सिंह 15,519 वोटों से जीते थे. इस बार भाजपा ने नीरज शेखर को टिकट दिया है. 


बस्ती में बीजेपी के हरीश द्विवेदी को 30,354 वोटों के अंतर से जीत मिली थी. इस बार फिर वो मैदान में हैं. उनका मुक़ाबला सपा के राम प्रसाद चौधरी से है. इस सीट पर कुर्मी और दलित वोटर्स खासी तादाद में हैं, कौशांबी सीट पर बीजेपी को 38,722 वोटों के अंतर से जीत मिली थी. इस बार भी बीजेपी ने विनोद सोनकर को टिकट दिया है. जबकि सपा के इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को उम्मीदवार बनाया है.
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शनिवार, 18 मई 2024

कैसरगंज की लड़ाई ब्राह्मण बनाम ठाकुर पर आई, अभद्र टिप्पणी पर करन भूषण सिंह ने कराई एफ आई आर फेसबुक पर की जाति विशेष के खिलाफ अभद्र टिप्पणी से उबाल



कैसरगंज की लड़ाई ब्राह्मण बनाम ठाकुर पर आई, अभद्र टिप्पणी पर मचा बवाल 
गोंडा,  विकास, बेरोजगारी, मंहगाई और रोजगार जैसे मूलभूत मुद्दों को छोड़कर कैसरगंज की लड़ाई अब ब्राह्मण बनाम ठाकुर पर आ गयी है। सोशल मीडिया पर एक वर्ग विशेष के लोग सोशल मीडिया पर ब्राह्मणों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर पोस्ट कर रहे हैं। 

सूरज सिंह कलहंस व एक अन्य फेसबुक यूजर ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हुए चुनाव बाद देख लेने की धमकी दी है‌‌। इस टिप्पणी के बाद कैसरगंज की राजनीति में उबाल आ गया है‌। लोग इस तरह की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे दोनों समुदायों के लिए घातक बता रहे हैं। 
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कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा ने इस बार सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करन भूषण सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है‌ जबकि समाजवादी पार्टी ने भगतराम मिश्रा को टिकट दिया है‌। बसपा ने भी यहां से ब्राह्मण कंडीडेट नरेंद्र पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा है‌ लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा के बीच देखा जा रहा है। दोनों दलों के लोगों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। इस चुनावी महासमर में विकास के मुद्दे गौड़ हो गए हैं। अब यह लड़ाई ब्राह्मण बनाम ठाकुर पर पहुंच गयी है। 
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सोशल मीडिया पर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कैंपेन चला रहे कुछ समर्थकों ने फेसबुक पर ब्राह्मणों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर इस आग में घी डालने का काम किया है। सूरज सिंह कलहंस नाम के फेसबुक यूजर ने शुक्रवार को फेसबुक पर ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हुए चुनाव बाद देश लेने की धमकी दे डाली। इस टिप्पणी के बाद कैसरगंज की राजनीति में उबाल आ गया। लोगों ने इस यूजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी। 



भाजपा प्रत्याशी ने दी सफाई, दर्ज करायी एफआईआर
शुक्रवार को दिन भर सोशल मीडिया पर हुए घमासान के बाद देर शाम भाजपा प्रत्याशी करन भूषण सिंह की तरफ से इस टिप्पणी का संज्ञान लिया गया और उनके मतदान अभिकर्ता महेंद्र सिंह ने नगर कोतवाली में सूरज सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर मामले में डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गयी। एफआईआर दर्ज कराने के बाद शनिवार को प्रत्याशी करन भूषण सिंह ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई दी‌।

करन भूषन ने फेसबुक पर लिखा कि फर्जी फेसबुक अकाउंट से आसामाजित तत्वों द्वारा जाति विशेष के प्रति अभद्र टिप्पणी कर मेरे व भारतीय जनता पार्टी की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रामक पोस्ट करने का मामला सामने आया है‌। ब्राम्हण सदैव से समाज में पूज्यनीय है‌। अनुरोध है कि इस तरह की फर्जी अफवाहों पर ध्यान न दें।
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सिपाही से बाबा बने हत्यारे हरि का साम्राज्य   नारायण हरि साकार।

ढोंगी बाबाओं की श्रृंखला में एक नाम और शुमार हो गया।  नारायण हरि साकार।  यह हत्यारा बाबा रातों-रात नहीं खड़ा हो गया कि एक दिन में इसका सौ करो...