जहां कमीशन खोरी का विरोध करते हुए एक शिक्षक ने खंड शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण मांग लिया है। स्पष्टीकरण न देने पर मामले की शिकायत बीएसए व डीएम से करने की बात कही है। इस पूरे मामले से बेसिक शिक्षा महकमें में हंगामा खड़ा हो गया है।
कमीशनखोरी का यह पूरा मामला जिले के बभनजोत ब्लाक का है। दरअसल परिषदीय स्कूलों की मरम्मत व अन्य सुविधाओं को व्यवस्थित किए जाने के लिए कंपोजिट ग्रांट के रूप में धनराशि भेजी जाती है। यह धनराशि छात्र संख्या के आधार पर होती है।
न्यूनतम 25 हजार और अधिकतम 75 हजार रुपये की धनराशि स्कूलों को मिलती है। इस बार यह धनराशि मार्च महीने में स्कूलों को भेजी गयी है। आरोप है कि बभनजोत के खंड शिक्षा अधिकारी इसी कंपोजिट ग्रांट की धनराशि से कमीशन मांग रहे हैं। जिन स्कूलों के 50 हजार रुपये मिला है उनसे 25 सौ रूपये और जिन्हे 25 हजार मिला है उनसे 15 सौ रुपये वसूलने का फरमान है। वसूली की जिम्मेदारी संकुल शिक्षकों को सौंपा गयी है। शुक्रवार को संकुल शिक्षक बीईओ का फरमान लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापकों के पास गए थे लेकिन शिक्षकों ने जैसे ही यह मांग सुनी उनका पारा चढ़ गया। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष हकीकुल्लाह का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर संकुल प्रभारी कंपोजिट ग्रांट के नाम पर शिक्षकों से 15 सौ से ढाई हजार रुपये तक की मांग कर रहे हैं। यह कतई बर्दाश्त नहीं है।