उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण के चुनाव में जातिगत समीकरणों ने एनडीए के लिए चार महत्वपूर्ण सीटों पर कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। इन सीटों पर जातियों का प्रभाव और उम्मीदवारों की जातीय पहचान वोटरों के रुझान को प्रभावित कर रही है।

आइए देखते हैं इन चार सीटों पर एनडीए की स्थिति:
1. घोसी
- एनडीए उम्मीदवार: अरविंद राजभर (सुभासपा)
- विरोधी: राजीव राय (सपा), बालकृष्ण चौहान (बसपा)
- जातीय समीकरण: भूमिहार, राजभर और चौहान वोटरों में विभाजन
2. मिर्जापुर
- एनडीए उम्मीदवार: अनुप्रिया पटेल (अपना दल)
- विरोधी: राजेंद्र एस बिंद (सपा), मनीष त्रिपाठी (बसपा)
- जातीय समीकरण: पटेल, बिंद और त्रिपाठी वोटरों में खींचतान
3. चंदौली
- एनडीए उम्मीदवार: महेंद्र नाथ पांडेय (बीजेपी)
- विरोधी: वीरेंद्र सिंह (सपा), सतेंद्र मौर्या (बसपा)
- जातीय समीकरण: ठाकुर, मौर्या और ब्राह्मण वोटरों का असमंजस
4. बलिया
- एनडीए उम्मीदवार: नीरज शेखर (बीजेपी)
- विरोधी: सनातन पांडेय (सपा)
- जातीय समीकरण: राजपूत बनाम ब्राह्मण वोटरों की दुविधा

इन सीटों पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों ने जातिगत समीकरणों का फायदा उठाते हुए एनडीए को कड़ी टक्कर दी है। भाजपा और एनडीए के लिए चुनौती यह है कि वे कैसे अपने कोर वोटर्स को संभाल पाते हैं और जातिगत विभाजन को सुलझाते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में जाति आधारित राजनीति का प्रभाव इन सीटों पर चुनावी नतीजों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा।