जिसके द्वारा जनता को सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं यदि प्रशासन ईमानदार है और वह चाहता है कि जनता सुखी तथा खुशहाल रहे तो वह जन-जन तक नियम व कानून के साथ अपनी सेवाएं प्रदान करता रहे। अगर वह ईमानदार नहीं है तो फिर जनता दर दर ठोकरे खाने को मजबूर हो जाती हैं। जिसके कारण उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाता। प्रशासन की छत्र छाया में ऐसे लोग अपना कारोबार फैला ले रहे हैं जो समाज में बुराइयों को जन्म दे रहा होता है। गों डा जिला भी कुछ ऐसे ही भ्रष् और लालची कर्मचारियों से भरा पटा है जहां सरकार के नियम कानून को ठेंगा दिखा आम जनता के साथ नाइंसाफी किया जा रहा हैं। मामला गोंडा शहर का हो या फिर उसके बाहर का इस समय चौक चौबारों में सट्टेबाजी, अवैध शराब, नशीली दवाओं तथा वेश्यावृत्ति के साथ ही असमाजिक तत्वों ने अपने पैर पसार रखे हैं। चर्चा यह है कि यह सब स्थानित प्रसाशन की शह पर किया जा रहा है जिसकी जांच करा दोषियों पर कार्यवाही जरुरी हो गई है।
हाल ही में अखबारोे मे प्रकाशित फर्जी अस्पताल पर फिलहाल अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण विभागीय शह पर बिना रजिष्ट्रेशन बेख़ौफ़ धडल्ले से कुकुरमुत्तो की तरह फर्जी अस्पताल खुलते जा रहे है जिनसे आम लोगों की जिंदगियो को खतरा पैदा हो गया है।
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