दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में आरोप तय करने के आदेश जारी किए हैं।
यह अपने आप में एक बहुत ही गंभीर मामला है जो समाज में बहुत चर्चा का विषय बन गया है।
कोर्ट ने यह निर्णय लिया कि पांच मामलों में बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप तय किए जाएंगे।
इन मामलों में उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354डी के तहत आरोपित किया गया है।
यह फैसला विशेष रूप से महिला पहलवानों के सुरक्षा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
मंगलवार को दिल्ली की कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें बृजभूषण सिंह ने पेश होकर मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जानकारी प्राप्त की। सुनवाई के दौरान, सरकारी वकील ने पूछा कि उन्हें दोषी ठहराया जाए या गलती स्वीकार की जाए? उसके वकील ने कहा कि वह मामले का दावा कर रहे हैं।
इसके बाद कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्या वे गलती मानते हैं? उन्होंने जवाब दिया कि गलती की कोई बात नहीं, इसलिए मानने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस मामले में अन्य आरोपी विनोद तोमर ने भी आरोपों का खंडन किया है, कहते हुए कि वह बेकसूर हैं और सभी आरोप झूठे हैं।
इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 1 जून है, जिसमें और तथ्य और सीसीटीवी की सीडीआर जैसे अन्य विवरणों को मांगने का आदेश जारी किया गया है। कोर्ट ने दोषियों को बेल पर जमानत नहीं दी गई है, और निर्दिष्ट तारीखों के अभाव में मामले को लंबा नहीं खींचने का निर्णय लिया गया है।
यह फैसला महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज के हर वर्ग के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही, यह एक संदेश भी है कि किसी भी तरह की अत्याचार और अनुचित संवाद को स्वीकार्य नहीं माना जाएगा।
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